Monday 19 September 2011

मदारी !! by Vikasini Chavan on Sunday, September 18, 2011 at 4:01pm

मदारी !!

by Vikasini Chavan on Sunday, September 18, 2011 at 4:01pm
मदारी !!
होटोंपे जब लाली थी
तब जेब अपनी खाली थी
खामोश थी निगाहे भी
दिल मैं हर एक सवाली थी
पेट भी खाली था दिल की तरह
सर्द होटों की भी लाली थी
सारा जहाँ देखकर भी
अपनी निगाहे खाली थी
जीना हम चाहते थे मगर
जीने कि राह खाली थी
क्यूँ की चाभी अपने तकदीर की
किसी मदारी के हाथ थी
तमाशा तकदीर का देखना
बस हमारी तकदीर थी !१
विकासिनी !!

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