अपने ??
by Vikasini Chavan on Wednesday, October 12, 2011 at 11:19am
प्यार पे हमारे अपने ही जले
काश समज लेते प्यारको मेरे अपने
गैरोंके मैफिल मैं हम न आते
जिनके लिये लूटा दी सारी जिंदगी
वो अपने कभी हमें समज न सके
रोशनी चिराग की बुज़ानी पड़ी
हमें अपनोके रौशनी के लिए
राह उजियारी होते हुए भी क्यूँ
रोशनि से लड बैठे अपनोंके लिए
गैरोसे प्यार किया हमने
प्यार पे हमारे अपने ही जले !
गैर तो गैर थे पर अपनोंकी
मैफिल में हम बेगाने थे
अपने इतने खुदगर्ज निकले
हमसे खून रिश्ते भी भूल बैठे
वो तो अच्छा हुवा खुदा का शुक्रिया
के हम गैर के मैफिल मैं थे
वर्ना हमे पता न चलता कभी
अपने हमारे क्यूँ खुदगर्ज निकले ?
विकासिनी !!