Friday 26 August 2011

ग़ज़ल !! by Vikasini Chavan on Thursday, August 25, 2011 at 9:12pm

ग़ज़ल !!

by Vikasini Chavan on Thursday, August 25, 2011 at 9:12pm
ग़ज़ल !!
दिलके जख्मोंपे हसती है ग़ज़ल
दिलके घाव करारे करती है ग़ज़ल
खुदके ही गम पे हसती है ग़ज़ल
प्रीतम की रुसवाई है ग़ज़ल
बेचारे दिल की बेबसी है ग़ज़ल
दिल को चीर चीर चीरती है ग़ज़ल
कभी अपनों के गम पे  तो कभी
दूसरोंके गम पे हसती है ग़ज़ल
तनहईयोंको और भी तड़पाती है ग़ज़ल
दिलकी बेकरारियां  बढाती है ग़ज़ल
कत्ले आम करती है ग़ज़ल
फिर भी हसती है क्यूँ ये गजल ??
बड़ी ख़ुफ़िया होती है ग़ज़ल
बेवफाई को रदीफ़ कहती है ग़ज़ल
अपने ही अश्क सहती है ग़ज़ल
फिर भी उफ़ तक न करती है ग़ज़ल
अच्छा है  मुजे नहीं आती है ग़ज़ल!!
अच्छा है मुज़े नहीं आती है ग़ज़ल !!
विकासिनी !!

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